Smt. REENA MEHTA ( FOUNDER CHAIRPERSON ), JAY SUTHAR ( MANAGING TRUSTEE ), SHRI NARENDRA S. MEHTA( Legal Advisor), MR. SUNNY MEHTA (TRUSTEE), SMT NIRMALA VORA (TRUSTEE), SANJAY CHANDARANA ( Member Advisory Committee) of the TRUST inaugurated the opening of ‘Supreme Soul Rajashram’ with the lightening of the Lamp. It is an Old Age Home with 50 beds for Destitute and abandoned Sr.Citizens.

Various activities were performed by the senior citizens like dancing, singing, etc. They also spoke about the ashram’s livelihood elaborating its cause. Everyone enjoyed the activities and actively participated in it.

Mrs. REENA MEHTA said, “that Old Age home has become an unsolicited need of today in nuclear families”. Children leave their houses in search of jobs or education and settle themselves in other cities or countries and leave their parents behind. Parents have no other alternative than to live in Old Age homes who take care of them and provide them with good basic needs such as shelter, good food, and their medical care.

She further said “This is not an Old Age Home but a Rajashram means where Sr. citizens can live their balance life like a King and Royally. MR. JAY SUTHAR said that he has 6 years experience in this field and handles 1st unit of Rajashram “SHRI MANSUKHLAL MEWADA RAJASHRAM ” at Palkhadi, Bhayander west under the same trust.

—Wasim Siddique(Fame Media)

स्वर्गीय श्री परेशभाई चंद्रना चैरिटेबल ट्रस्ट की दूसरी यूनिट ‘सुप्रीम सोल राजाश्रम’ का भायंदर में हुआ उद्घाटन

मुम्बई के समीप उपनगर भायंदर पश्चिम स्थित डोंगरी इलाके में स्वर्गीय श्री परेश भाई चांद्रना चैरिटेबल ट्रस्ट की दूसरी यूनिट ‘सुप्रीम सोल राजाश्रम’ का उद्घाटन श्रीमती रीना मेहता (चेयरमैन, संस्थापिका), जय सुथार (मैनेजिंग ट्रस्टी), नरेंद्र मेहता (कानूनी सलाहकार), सन्नी मेहता (ट्रस्टी), श्रीमती निर्मला वोरा (ट्रस्टी), संजय चांद्रना (कमिटी सलाहकार सदस्य) की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस वृद्धाश्रम में वयोवृद्ध व निराश्रितों के लिये 25 अगस्त 2019 से पचास बिस्तर की सुविधा रखी गयी है। उसी अवसर पर श्रीमती रीना मेहता ने कहा कि आज कई परिवारों में बड़े बुजुर्गों की बिगड़ती समस्या को देखते हुए ओल्ड एज होम यानी वृद्धाश्रम एक अनचाही जरूरत बन गयी है। बच्चें नौकरी या शिक्षा की तलाश में अपने घर छोड़ देते हैं और खुद को दूसरे शहरों या देशों में बसा लेते हैं तथा अपने माता-पिता को पीछे छोड़ देते हैं। ऐसे में माता-पिता के पास वृद्धाश्रम में रहने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है जो उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें अच्छी बुनियादी ज़रूरतें जैसे आश्रय, अच्छा भोजन और उनकी चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह मात्र एक वृद्धाश्रम नहीं है, बल्कि एक राजाश्रम है, जहां सीनियर सिटीजन अपना शेष जीवन राजसी ढंग से राजा की तरह गुजार सकते हैं। हम सीनियर सिटीजन की शर्त के आधार पर बहुत मामूली शुल्क लेते हैं। मैनेजिंग ट्रस्टी जय सुथार ने कहा कि इस क्षेत्र में उनके पास 6 साल का अनुभव है और इसी ट्रस्ट के तहत भायंदर पश्चिम में पालखड़ी में राजाश्रम की पहली इकाई ‘श्री मनसुखलाल मेवाड़ा राजाश्रम’ का भी संचालन किया जा रहा है।

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